Saturday, May 6, 2017

किस गण का तंत्र है अर्णब का ये Republic

जेल में सजायाफ्ता क़ैदी फोन से बात करे ये कानून व्यवस्था में कोताही है। देश के एक बड़े नेता सजायाफ्ता क़ैदी की बातों को गंभीरता से सुने ये निंदनीय है। और एक टीवी चैनल इस बातचीत के स्टिंग को चलाए ये साहसिक है। इस साहस के लिए अर्णब को धन्यवाद। 

ये किसी से छिपा नहीं है कि अर्णब गोस्वामी अपना चैनल क्यों लेकर आए हैं, किसके लिए लेकर आए हैं? अर्णब गोस्वामी की एकतरफा पत्रकारिता और उसका मकसद साफ है। कौन उनके निशाने पर रहा है और आगे भी रहने वाला है? ये भी छिपा नहीं है सब खुल्लम खुल्ला है। ज़ाहिर है उनके निशाने पर वही हैं जो 2019 में भक्तों की टोली के लिए सबसे बड़ा ख़तरा है। 

अल्पसंख्यक समुदाय से ताल्लुक रखने वाला एक पूर्व सांसद जो कि सजायाफ्ता है अपने इलाक़े में हो रहे दंगे से चिंता में है। शहाबुद्दीन साफ कह रहे हैं कि लालू जी रामनवमी में उस जगह पर पुलिस का Deputation होना चाहिए था, लेकिन नहीं हुआ। सिवान शहर की स्थिति खराब है। क्या शहाबुद्दीन की ये चिंता वाजिब नहीं है, और क्या ऑडियो सुनने के बाद पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े नहीं होते। क्या अर्णब की चिंता ये है कि सरकार ने सिवान में दंगे को कंट्रोल क्यों कर लिया? 

अभी पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में सांसद के समर्थकों ने एसपी के आवास पर हमला बोल दिया। एसपी के परिवार ने किसी तरह अपनी जान बचाई। ये ना तो देश जानना चाहता है, और ना ही इसपर किसी चैनल को चिंता है। बिहार में ऐसी कोई बात नहीं है वो एसपी आज भी वहीं हैं जिसे हटाने की बात शहाबुद्दीन 2016 में बिहार सरकार में शामिल सबसे बड़ी पार्टी के अध्यक्ष से कर रहे थे । 

एक बात और 'खत्म है SP भाई आपका' इसका अंग्रेजी अनुवाद Republic ने Your SP is finished किया है। मैं भोजपुरी भाषी तो नहीं लेकिन हमारी अंगिका में भी खत्म को जब इस तरह बोला जाएगा तो उसका मतलब होगा Non performer ना कि Finished. ज़ाहिर है Republic न्यूज़ चैनल ने ये ग़लती जानबूझकर की है।  

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