इस फोटो को देखकर कौन यकीन करेगा कि कभी पटना की राजनीतिक गलिया इस आदमी की ईमानदारी की मिसाल दिया करती होगी ,,,लेकिन मेरी राय मानिए तो आप ईमानदारी की जगह मेरे दादाजी (जयप्रकाश मिश्र) का नाम लिख सकते हैं ,,,, कभी आईंसटिन ने महात्मा गांधी की फोटो देखकर कहा था कि आने वाली पीढ़ियां शायद ही इस बात पर यकीन करे कि इस प्रकार का मानव धरती पर चला होगा ,,,लेकिन मैं कहता हूं कि आज भी इनकी ईमानदारी से लोग डरते हैं ,,,,,, राजेश कुमार
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1857 का विद्रोह, ‘झंडा सलामी गीत’ और राष्ट्रीयता का विचार- प्रेम सिंह
(ये लेख डॉ प्रेम सिंह ने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की 167वीं वर्षगांठ पर जारी किया था, सबको पढ़ना चाहिए। पता चलेगा कि राष्ट्रीयता की भावना को...
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कमजोर होती धर्मनिरपेक्ष राजनीति (राजनीति की जिस धारा का दंभ मुलायम सिंह दिन रात भरते हैं । उसी धारा का लहू हमारी भी राजनीतिक रगों में दौड़ता...
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(देश में करोड़ों ऐसे लोग हैं, जिन्हें विपक्षी दलों के गठजोड़ INDIA गठबंधन से ढेर सारी उम्मीदें हैं, अब ये अलग बात है कि विपक्षी दलों के नेता...
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(यह लेख साल 2013 के स्वतंत्रता दिवस पर 'युवा संवाद' मासिक के 'समय संवाद' स्तंभ में छपा था। साल 2020 के स्वतंत्रता दिवस पर ...
2 comments:
हर कोई गुजरता था बहुत बच के उधर से
आइना लिए रह में एक शख्स खडा था !
एक जन्म कम है यहाँ से प्रेरणा लेने के लिए.....
ye tarze shukhan yun hi nahi aaya hai
panv dhoye hai buzurgo ke to fan aaya hai
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