
इस फोटो को देखकर कौन यकीन करेगा कि कभी पटना की राजनीतिक गलिया इस आदमी की ईमानदारी की मिसाल दिया करती होगी ,,,लेकिन मेरी राय मानिए तो आप ईमानदारी की जगह मेरे दादाजी (जयप्रकाश मिश्र) का नाम लिख सकते हैं ,,,, कभी आईंसटिन ने महात्मा गांधी की फोटो देखकर कहा था कि आने वाली पीढ़ियां शायद ही इस बात पर यकीन करे कि इस प्रकार का मानव धरती पर चला होगा ,,,लेकिन मैं कहता हूं कि आज भी इनकी ईमानदारी से लोग डरते हैं ,,,,,, राजेश कुमार
2 comments:
हर कोई गुजरता था बहुत बच के उधर से
आइना लिए रह में एक शख्स खडा था !
एक जन्म कम है यहाँ से प्रेरणा लेने के लिए.....
ye tarze shukhan yun hi nahi aaya hai
panv dhoye hai buzurgo ke to fan aaya hai
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